Friends | pradate: thnks and god bless u.... 12 years ago • Report • Link 0 sarita2011: Keeping someone in our heart is very easy, but, to be in the someone’s heart is very difficult. So “RESPECT” the heart which “CARES” abt U Sandeep Singh0: nazar tmhari...nazar hamari...nazar ne dil ki nazar utari...nazar ne dkha nazar ko aise..,ki nazar 2sti ko lage na hamari.... HARSH150286: ♥ HaPpY DiWaLi ♥ HaPpY ♥ HaPpY DiWaLi ♥HaPpY ♥ HaPpY DiWaLi ♥ 2 U, Ur FamilY & FriendS ♥ ADVANCE TO U....... HARSH150286: I CARE For U Bcoz You Are MY $weet _,_,_,_,_,_, ¡ ,_,_,_,_,_) ¡ ¡_,_,_, ¡ _,_,_,)R I E N D ¡ ¡ O R E V E R ¡_¡ HARSH150286: COMING 10TH OCT 2010 AT 10 PM, 10 MINS, AND 10 SEC, ALSO THE TIME AND DATE IS 10:10:10:10:10:10 IT WILL NEVER COME AGAIN IN OUR LIFE… SO ENJOY THIS MOVMENTS……….. Paady123: ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Sandeep Singh0: .......@............@ ......@.@.@.@..@.. ....@........@..........@ ...@............@....@@ ...@..............@@..@ ....@..............@...@ ......@...........@..@ .........@......@..@ ..............@..@ .HAVE............@ ......A...........@ ..........NICE.....@ ................DAY.@........@@@ ......@@@@..@....@..........@ ...@.............@@@......@@ .......@@@.......@..@@ .........................@ .........................@ .........................@ .........................@ .........................@ ........................@ .......................@ Paady123: Sound become music, ![]() ![]() Movement becomes dance, ![]() ![]() ![]() Smile becomes laughter & ![]() ![]() ![]() Life becomes celebration. ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() When we get new friendssss ![]() ![]() ![]() ![]() This is for u my friend ![]() prithveeraj_singh: तुझॆ दिल सॆ जुदा कभी हॊनॆ नही दॆंगॆ.! तुझॆ नींद भी आई तॊ सॊनॆ नही दॆंगॆ.! तॆरी मुस्कान हमॆ इतनी प्यारी है दोस्त,कि हम मर भी गयॆ तॊ तुझॆ रॊनॆ नही दॆंगॆ".! prithveeraj_singh: "हमको आशा थी अपनो के सहारे कि. हमको सहारा था अपने हि लोगो का. लेकिन व्क्त कि नजाकत तो देखिये जनाब. जब अपनी आशाये चरम थी. तो अपनो ने हमे पह्चानने से भी इनकार कर दिया" !!!!! prithveeraj_singh: सभी को सब कुछ नही मिलता, हर लहर को साहिल नहि मिलता, ये दिलवालो कि दुनिया है,दोस्तो, किसी से दिल मिलता तो कोई दिल से नहि मिलता", prithveeraj_singh: आँसू में ना ढूँदना हूमें, दिल में हम बस जाएँगे, तमन्ना हो अगर मिलने की, तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे. लम्हा लम्हा वक़्त गुजर जाएँगा, चँद लम्हो में दामन छूट जाएगा, आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे, कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी में आ जाएगा. पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं, दिल का दर्द किससे दिखाए, मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं, वक़्त तो हमें भुला चुका है, मुक़द्दर भी ना भुला दे, दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते, क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे, ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे, कहीं ज्यादा तो कहीं कम मिलेंगे, ऐतबार ज़रा सोच कर करना, मुमकिन नही हर जगह तुम्हे हम मिलेंगे. खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाएँगे, शुकुन बन कर दिल मे उतर जाएँगे, महसूस करने की कोशिश तो कीजिए, दूर होते हुए भी पास नजर आएँग prithveeraj_singh: जिस कागज पे कोई इबादत न हो . उस कागज को दिल से लगाएगा कौन . फ़ेंक देंगे उसे फिर कदमो तले, पलकों पे अपनी बिठाएगा कौन . मेरा जीवन भी है उस कागज के जैसा , मुझे यूँ जमीं से उठाएगा कौन . जिस कागज पे कोई ....................... मेरा जीवन भी उस कागज के जैसा , लिखी हैं इबादत मुहब्बत की जिस पे . मगर टूटे वादे कदम लडखडाये , पड़ा हैं वो कदमो में कागज का टुकड़ा. हुआ धुल अब तो जीवन ये मेरा . जिस कागज पे ..................... जिस मंदिर में कोई पुजारी ना हो , उस मंदिर में दीपक जलाएगा कौन . जिस दीपक के संग कोई बाती न हो , उस दीपक को घर में सजाएगा कौन . जिस आँगन में किलकारी गूंजी नहीं ' उस आँगन में खुशिया लायेगा कौन . जिस कागज पे .......................... दुख देखे बहुत में रोया नहीं , सोचा बादल हे ये टल जायेगा भी , पर बादल रुका बन के ये काली घटा, गम बरसने लगा बन के सावन यहाँ . दिल हुआ चूर चूर मन बहकने लगा , काली पलके ये आंसू बन बरसने लगी , जिस कागज पे................................. मैं चाहूँ की चंदा की किरणे सभी, मेरे दिल के चिरागों को रोशन करे, मगर चाँद भी छुप गया डर के हम से , जो साथी था दिल का हुआ दूर हमसे . जिस कागज पे .................. prithveeraj_singh: सितारे तोड़ना या चाँद छूना नहीं चाहती....... बस सितारों को निहारने की खवाहिश है .... पंख फेला कर आसमाँ समेटना कौन नहीं चाहता ....... पर मेरी आसमाँ में सिमट जाने की ख्वाहिश है …… इमारतों का गुबंद बनने का होंसला है ……… पर अब नीव का पत्थर बनने की ख्वाहिश है …… पता है दुनिया की भीड़ से अलग हू ……… पर अब इस भीड़ में गुम हो जाने की ख्वाहिश है इस जहाँ के अहसान इतने हो गए हम पर …… अब अहसान फरामोश होने की ख्वाहिश है ………. पत्थर दिल जोश था हिम्मत थी हम में …. अब अपने आप से डर जाने की ख्वाहिश है …….. जिंदगी हँसने का नाम है सब से कहा था …….. अब अकेले में रोने की ख्वाहिश है …………… prithveeraj_singh: कतरा समंदर में मिल जाये , कतरा नही रहता वजूद मिट सा जाता है , पर तनहा नही रहता हजारो मुश्किलों का सामना , यूँ करता आया हैरान हुं अरसा गुजरा , पर अश्क नही बहता , यूँ तो कबका मै , बस में कर लेता तुझको कहते है मोहब्बत पर किसीका, जोर नही चलता ऐ जिंदगी , तुझसे सिखा है मैंने बहोत कुछ ! हर एक वार तेरा , मै यूँ हि नही सहता होती है बात में ताजगी और सच्चाई कि रौशनी बात कहनी है , इसीलिए मै बात नही कहता ताकत -ऐ -खुदा पर ,शक सा है इंसां को झूट है कि इंसान , अपने साये से नही डरता अकेले ना बिताओ जिंदगी , रहो घुलमिल कर पता चला के , आखरी वक़्त जनाजा नही उठता तमन्नाए पूरी करलो कुछ ना बाकि रहे 'साजिद ' आंखरी सांस पर भी इंसान , मरते नही मरता |